सभी भक्तों को सुचित किया जाता है की हमारी खाटू श्याम बस सेवा तारीख 5-1-2025 को जाएगी | जिस के लिए हमारी बुकिंग शुरू हो गई है |
खाटू जी की कहानी
श्री खाटू श्याम जिन्हें शीश का दानी के नाम से यह संसार पूजता है .खाटू श्याम महाभारत काल में पांडव महाबली भीम के पोत्र और घटोत्कच और माँ मोर्वी ( कामकटंकटा ) के पुत्र वीर बर्बरीक ने जब कुरुक्षेत्र के युद्ध में हारे का साथ देने का वादा किया अपनी माँ मोर्वी से , तब भगवन श्री कृष्णा ने वीर बर्बरीक से उनका शीश दान मांग लिया . वीर ब...
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फाल्गुन मेला खाटू श्याम जी का मुख्य मेला है और यह मेला ५ दिन के लिए भरा जाता है . यह फाल्गुन माह (फरवरी/मार्च ) में तिथ के आधार पर भरता है | फाल्गुन माह की शुकल ग्यारस को मुख्य दिन होता है मेले का | फाल्गुन मेला अष्टमी से बारस तक ५ दिन के लिए भरता है | यह मेला होली त्यौहार से ५ दिन पहले भरा जाता है | लाखो भक्त दुनिया के कोने कोने से मेले में श्याम बाबा के दर्शन करने अपने परिवार और मित्रो के साथ आते है | बहूत सारे भक्त तो होली तक ही रूककर श्याम बाबा के साथ होली का त्यौहार मनाते है |
संक्षेप में श्री मोरवीनंदन श्री श्याम देव कथा (स्कंद्पुराणोक्त – श्री वेद व्यास जी द्वारा विरचित) !! जय जय मोरवीनंदन, जय श्री श्याम !! !! खाटू वाले बाबा, जय श्री श्याम !!
‘श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र” एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ‘ का कर्तब्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के “माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड ‘कौमारिक खंड’” में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है… वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा… आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख चुके हैं…. आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं द्वारा भजन-कीर्तन कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं… और अपने नाम के अनुरूप ये कलयुग के अवतारी बाबा श्याम जी अपने समस्त भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते है… जो भी व्यक्ति राजस्थान के सीकर जिले में रींगस से १७ किलोमीटर की दुरी पर स्थित श्री खाटूश्याम जी में जाता है…. उसके जीवन के समस्त पाप समाप्त हो जाते हैं, और प्रभु के दर्शन मात्र से उसके जीवन में खुशियाँ एवं सुख शान्ति का भंडार भरना प्रारम्भ हो जाता है….
श्याम – भगवान कृष्ण उसे श्याम के रूप में खुद के नाम पर दी गई जब वह दान में उसके सिर दिया बार्बरिका – खाटू श्याम जी का बचपन का नाम बार्बरिका था। उसकी माँ और रिश्तेदार उसे इसी नाम से बुलाते थे, जब तक श्री कृष्ण ने उन्हें खाटू श्याम नाम नहीं दिया था। मोरवी नंदन – उनके माँ का नाम मां मोरवी (कमणकान्ता) तो उनके भक्त उन्हें मोरवी नंदन करके बुलाते थे शीश के दानी – प्रमुख के दाता हरे का सहारा – पराजित का समर्थन। अपनी मां की सलाह पर, बार्बरिका समर्थन करने के लिए संकल्प लेता है जो कोई भी कम शक्ति है और खो रहा है। इसलिए वह इस नाम से जाना जाएगा तीन बाण धारी – तीन तीर के वाहक। देवी दुर्गा उसे 3 अजेयता तीर दिए थे | शीर्षक इन तीन तीर नीचे लिखा मां सेव्यम पराजिताः लाखा- दातारि – इस उदार दाता, एक वह है जो कभी नहीं हिचकिचाते उनके भक्तों को जरूरत और उनके पूछे गया सवाल का जवाब देने में । ‘श्री मोरवीनंदन खाटू श्याम चरित्र” एवं हम सभी श्याम प्रेमियों ‘ का कर्तब्य है कि श्री श्याम प्रभु खाटूवाले की सुकीर्ति एवं यश का गायन भावों के माध्यम से सभी श्री श्याम प्रेमियों के लिए करते रहे, एवं श्री मोरवीनंदन बाबा श्याम की वह शास्त्र सम्मत दिव्यकथा एवं चरित्र सभी श्री श्याम प्रेमियों तक पहुंचे, जिसे स्वयं श्री वेद व्यास जी ने स्कन्द पुराण के “माहेश्वर खंड के अंतर्गत द्वितीय उपखंड ‘कौमारिक खंड’” में सुविस्तार पूर्वक बहुत ही आलौकिक ढंग से वर्णन किया है… वैसे तो, आज के इस युग में श्री मोरवीनन्दन श्यामधणी श्री खाटूवाले श्याम बाबा का नाम कौन नहीं जानता होगा… आज केवल भारत में ही नहीं अपितु समूचे विश्व के भारतीय परिवार श्री श्याम जी के चमत्कारों को अपने जीवन में प्रत्यक्ष रूप से देख चुके हैं…. आज पुरे भारत के सभी शहरों एवं गावों में श्री श्याम जी से सम्बंधित संस्थाओं द्वारा भजन-कीर्तन कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं… और अपने नाम के अनुरूप ये कलयुग के अवतारी बाबा श्याम जी अपने समस्त भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते है… जो भी व्यक्ति राजस्थान के सीकर जिले में रींगस से १७ किलोमीटर की दुरी पर स्थित श्री खाटूश्याम जी में जाता है…. उसके जीवन के समस्त पाप समाप्त हो जाते हैं, और प्रभु के दर्शन मात्र से उसके जीवन में खुशियाँ एवं सुख शान्ति का भंडार भरना प्रारम्भ हो जाता है….
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